-करीब पंद्रह हजार श्रद्धालु 40 दिन तक करते हैं यात्रा, 40 होते हैं पड़ाव-हर दिन एक पड़ाव स्थल पर सजते हैं छोटे-बड़े करीब एक हजार टैंट-देखने वालों को चौंकाती है एक साथ इतने श्रद्धालुओं के लिए भोजन व्यवस्था-गांव में घर-घर बेली और सेंकी जाती हैं…
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